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Sunday, May 30, 2010

"तुम मुझे पालो मैं तुम्हें पालू"

शब्दों के इस जाल से ,एक शब्द निकला है

तुमने हमारी जुबान का हर शब्द संभाला है । ।

हर वक्त याद रहती है मेरे दिल में तुम्हारी

तुमने मुझे जीवन भर इस तरह से पाला है । ।

अनदेखी में भी नज़रंदाज़ न किया तुमने मुझे

हर दुःख से तुमने मुझे इस तरह उबारा है । ।

होती है मन मैं ख़ुशी मेरे तब-तब

जब -जब मैंने होंठो से तेरा नाम पुकारा है । ।

दिल में तेरी तस्वीर को ऐसे पाल रखा है मैंने

जैसे मेरा जीने का एक तुही सहारा है । ।

तन्हाई में आती है तेरी याद चलकर ऐसे

जैसे दुनिया की इस भीड़ में एक तू ही किनारा है । ।

सुबह की पहली किरण से आया तेरा ख्याल ऐसे

जैसे तुझ बिन जिब्दगी में कुछ भी ना मेरा है । ।

चाहूँ के , तू सदा रहे मेरे साथ मेरी परछाई बन कर

और मैं पालू तुझे अपने हिरदय में ऐसे

जैसे तेरे बिन मेरा जीना , एक पल भी न गंवारा है । ।

by : vibha sharma