एक ऐसा परमात्मा का बनाया हुआ 'अस्तितिव'
जिसे न अपनी भूख का ख्याल है न तो प्यास की चिन्ता ,
बस परवाह है तो उन सभी की जिनके लिए सिर्फ वही जीना जानती है ..
और सिसकती है हर पल उन सबका प्यार पाने को ,
जिन लोगो पर वो हँसते -२ अपने जीवन का स्नेह उन्हें सीचने में लगा देती है ..
वक़्त पर सदा सबका काम करती है ,पर
खुद पर एक लम्हा भी न खर्च करती है ..
वो अपना वजूद खोकर किसी की जीवन संगनी बनती है,
फिर वो ही क्यों न उसे समझ पता है ,
और स्वयं की अवनति का कारन भी उसी को बताता है ..
जिन लोगो का इंतज़ार वो नज़रे बिछाये दिन भर करती है ,
वे ही खुद को उसके नजरो में आये आंसुओ का कारन बनाता है ..
सभी की इच्छाओ को पूरी करने की कोशिश करती है जो ,
उसकी इच्छाओ पर सदा ही वो ताले लगाता है ..
फिर भी मुस्कराता हुआ उसका चेहरा अपना हर दुःख , हर दर्द अपने भीतर
ही छुपता है...
कभी किसी से न कहता है !!!
कभी किसी से न कहता है !!!
By : vibha