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Monday, August 30, 2010

" बिन फेरे हम तेरे "

कुछ दिल की नज़र से..........

सजी नहीं बरात ,,,,, तो क्या,,,,,
आई न मिलन की रात ,,,तो क्या ...........
ब्याह किया तेरी यादों से ...........गठबंधन तेरे वादों से.........
बिन फेरे हम तेरे ..................बिन फेरे हम तेरे............


तुने अपना मान लिया है ,,,,हम थे कहा इस काबिल.....
वो एहसान किया जाँ देकर ,,,जिसको चुकाना मुश्किल....
देह बनी न दुल्हन तो क्या...पहने नहीं कंगन तो क्या.....
बिन फेरे हम तेरे....बिन फेरे हम तेरे.............

आंच न आये नाम पे तेरे ..........ख़ाक भले ही जीवन हो.....
अपने जहां में आग लगा ले ...........तेरा जहां जो रोशन हो.......
तेरे लिए दिल तोड़ ले हम......घर क्या जग भी छोड़ दे हम......
बिन फेरे हम तेरे.....बिन फेरे हम तेरे................


जिसका हमे अधिकार नहीं था,,,,उसका भी बलिदान दिया......
अच्छे बुरे को हम क्या जाने.....जो भी किया....तेरे लिए किया.......
लाख रहे हम शर्मिंदा.......मगर रहे ममता जिन्दा................
बिन फेरे हम तेरे...................बिन फेरे हम तेरे....................!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!