Tudiye vastu Govindam,,,Tubhyemev Samarpyte
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Thursday, August 19, 2010
तुझ बिन अकेला है यहाँ कोई , तुझ बिन रुसवा
है यहाँ
कोई .......
हर बात में आती है तेरी ही याद , तुझ बिन अधुरा है यहाँ कोई
तेरे साथ जिन्दगी के जो पल गुजारे ,
तो आज क्यों जीए तेरे बिन यहाँ ,
सोच कर यह '
निशब्द'
है यहाँ कोई .................
1 comment:
Yogesh Luthra
said...
nice one
August 20, 2010 at 4:04 AM
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1 comment:
nice one
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