तुझे क्या मालूम , तेरी ही हर बात से मिलती है ख़ुशी मुझे ,
नहीं तो -----जैसे हर पल नम है मेरी आँखे तेरे बागैर................
तुझे पहचान लिया है नजरों ने मेरी , फिर वो इत्तेफाक कैसे भुलाऊ ,
तुझसे कैसे कहूँ कितनी बेचैन है मेरी नज़रे-----तुझे देखे बगैर ...........
तेरे ख्याल से होती है सुबह श्याम मेरी ,
दिन में भी मेरे संग चलती है परछाई तेरी ...........
इस भरी दुनिया में भी सोचती हूँ तो -----कितनी तन्हा हूँ मैं तेरे बगैर ...........
1 comment:
aawesome.... dear:)
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