क्या है यह रास्तो पे मिलना ,फिर मिल कर बिछड़ना
बिछड़ना ही है तो फिर क्यों है , रास्ते एक से !!!!
जी कर खुदी में खुद के नहीं यह अरमान ,
आई जो होंठो पर शायद ,, असली नही यह मुस्कान
कही है खलिश सी ,कही भवंर है
कही है आशा,कही तपिश है !!!!!
मौसम सुस्त है , दिल के आँगन में कही
और कही मन में प्यार से उठे तूफान का शोर है !!!!!
कही सिमटे है भावनाओ के मेले,ओर कही लगा उनका ढेर है
कही है मन में विश्वास तेरे होने का , कही यह शब्द ही अंधेर है !!!!!
बहती है आशाओ की लहर दिल की गलियों में कही ,
ओर कही दिल की हर एक गली सुनी पड़ी !!!!!!
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