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Thursday, August 19, 2010


तुझ बिन अकेला है यहाँ कोई , तुझ बिन रुसवा

है यहाँ कोई .......


हर बात में आती है तेरी ही याद , तुझ बिन अधुरा है यहाँ कोई

तेरे साथ जिन्दगी के जो पल गुजारे , तो आज क्यों जीए तेरे बिन यहाँ ,

सोच कर यह ' निशब्द' है यहाँ कोई .................