Popular Posts

Thursday, July 15, 2010

कैसे भुलाऊ ??



जब भी लोगो की भरी महफ़िल में हम जाते है ,
सभी होते है पास हमारे , पर हम तनहा रह जाते है ,


और अपनी उस तन्हाई में , तुझे अपने ओर करीब पाते है . .


फिर भी तेरे करीब होने की हर उम्मीद तोड़ते है
और फिर घर लौट जाते है !!


वीरानिया कुछ ऐसी बढ़ जाती है , जिन्दगी में मेरी
इसलिए ही , तेरे साथ होने का वादा खुद से निभाते है . .


वक्त के हर पहलु से पूछते है , कैसे भुलाऊ तुझे मेरे हमराही
और खुद ही तेरी जुदाई के गम में सुबक के रह जाते है . .


पर तुम फिकर न करना मेरे आंसुओ की कभी
हम तो नम आँखों से भी हर लम्हा मुस्कराते है !!!

1 comment:

Yogesh Luthra said...

vo galib ka sher:

mugh se baat na karo na sahi,
magar oro se mera haal puchte rehna...