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Friday, July 16, 2010

कभी बताया नहीं तुमने

कुछ खुशनुमा मौसम हुआ करता था.......
कुछ रौशनी से भरे बादल थे.......

जब हम पूछते थे तुमसे,तब हम तुम्हारे क्या थे...
प्यार की देहलीज़ पे जब कदम रखा हमने,तब तुम थे संग हमारे...


फिर आज यह वक्त गया,की वो सुन्हेरा वक्त कही बहुत दूर चला गया ...
बहुत दूर चले गए ,,, तुम भी तो चले गए थे ,,,,,


ओर कभी बताया भी नहीं ,के ऐसे जाना होगा.....
हर उस पल के परिंदों को आज भी जिन्दा रखा है मैंने अपने जेहन में...

तुम्हें भी वो कुछ बीते पल याद है के नहीं ....
कभी बताया नहीं तुमने......

वो सर्दियों की धुप में हमारा मिलना...
ओर फिर नज़र बहर तुम्हें देख कर मेरा लौट कर चले जाना...


उस दौर का माहोल तुम्हें याद है के नहीं .....
कभी बताया नहीं तुमने..........

2 comments:

Yogesh Luthra said...

ek purana gana yaad aa gya

Nigahe bacha ke jo chlte hein hum se
unhe mughe se kabhi mahobat hui thi
mehboob se jo ajnabi ban gye hein
unhe mughe se kabhi mahobat hui thi

Unknown said...

sab kuch to apko pata hai ...??? apse kya chupa hai....?????