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Friday, October 29, 2010



बहुत वक्त बीत गया ,,अनेको एहसासों को लिखते - लिखते ,
और शायद बीत गया वो पल भी जिसमे हम अपनी खुशिया समेटे रहे.........

अनेको खुशिया संग थी उसके ,हर पल में अक्सर ,
सिर्फ हम ही उसके साथ के एहसास से अछूते रहे .......

आँखों में आज भी भर आते है उसकी जुदाई के गम में , दिल से बहे आंसू ,
एक हम है ,,,कि उसके साथ के हर पहलु को , अपने दुप्पट्टे के कोने से बांधे रहे ..........

कोई ख़ास शिकायत नही है उससे , साथ जिन्दगी में ना होने की ,
फिर क्यों हम , अक्सर तन्हाई में आंसू बहाते रहे......

जब कोई न मिला , ' खुश ' होने का बहाना हमें ,
फिर खुद ही अपनी हट्ठखेलियो पर हम मुस्कराते रहे .....

और फिर जब भी सहन न हुआ सीने में दर्द से उठा सैलाब ,
फिर कोरे कागज़ की गलियों में उसे समाते रहे .............

1 comment:

M VERMA said...

सुन्दर एहसास